मौत तेरा डर नहीं ,तुजसे तो है सालो पुराना रिश्ता हमारा,

कभी बंधनो की आड़ मे, ढेर सारी ख्वहिशो को मारा है हमने,
तो कभी जिम्मेदारी की आड़ मे, ढेर सारी जरुरतो को मारा है हमने,

मौत तेरा डर नहीं, तुजसे तो है सालो पुराना रिश्ता हमारा,

कभी जुठी मुस्कान की आड़ मे, सच्चे आंसुओ को मारा है हमने,
कभी समजदारी की आड़ मे, बचपने को मारा है हमने,

मौत तेरा डर नहीं, तुजसे तो है सालो पुराना रिश्ता हमारा,

कभी अपनो की नाराजगी की आड़ मे, अपने जज़्बातो को मारा है हमने, 
तो कभी अपनो के जज्बातो की आड़ मे, अपनी नाराजगी को मारा है हमने

मौत तेरा डर नहीं ,तुजसे तो है सालो पुराना रिश्ता हमारा।

              -- अंशी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इस पोस्ट पर साझा करें

| Designed by Techie Desk