जनसंख्या विस्फोट: अर्थ, कारण और परिणाम
Nirdesh Kumar

प्रस्तावना:

आज भारत में हर समस्या का मूल बढ़ती जनसंख्या ही है। जिस पर त्वरित नियंत्रण और निराकरण अत्यावश्यक है। अगर भारत की जनसंख्या वर्तमान दर से बढती रही तो भारत जल्दी ही चीन को पछाड़कर दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन जायेगा। यह एक ऐसी उपलब्धि होगी जिस पर किसी भारतीय को गर्व नहीं होगा। इसी कारण भारत में 2 चाइल्ड पालिसी को लागू करने की बात की जा रही है। आइये इस लेख में जानते हैं कि जनसंख्या विस्फोट किसे कहा जाता है और इसके क्या कारण और परिणाम होते है?

जनसंख्या विस्फोट की परिभाषा:

साधारण शब्दों में कहें, तो जब किसी देश की जनसंख्या की मृत्यु दर में कमी होती है, बाल मृत्यु दर में कमी होती है परन्तु जन्म दर और जीवन प्रत्याशा में वृद्धि होती है तो इन सबके संयुक्त प्रभाव के कारण जनसंख्या में बहुत तेजी से हुई वृद्धि होती है। इस स्थिति को ही जनसंख्या विस्फोट कहा जाता है।

जनसंख्या विस्फोट के कारण:

इस तरह की अवस्था बहुधा अल्प विकसित देशों में पायी जाती है। भारत इस अवस्था से 1970 के दशक में गुजर चुका है, लेकिन अब भारत की जनसंख्या वृद्धि दर में तेजी से कमी आ रही है और भारत की जनसंख्या को अब अभिशाप नहीं माना जाता है, क्योंकि भारत पूरी दुनिया में सबसे युवा देश है।

जनसंख्या विस्फोट के निम्न कारण हैं:

1. अशिक्षा-

जनगणना 2011 के अनुसार भारत की जनसंख्या अभी भी केवल 74% ही शिक्षित है और गांवों में तो यह आंकड़ा और भी कम है। इस कारण जनसंख्या को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं। गरीब लोग एक अतिरिक्त संतान को आय का अतिरिक्त हाथ मानते हैं।
भारत में आज भी बहुत से लोग बच्चों को ईश्वर की देन मानते हैं। कुछ लोग तो बच्चों को धर्म से जोड़कर भी देखते हैं और गर्भ निरोधक का प्रयोग करना धर्म के खिलाफ समझते हैं। इन सभी का मिलाजुला परिणाम जनसंख्या वृद्धि के रूप में सामने आता है।

2. परिवार नियोजन के प्रति उदासीनता:

कुछ लोग तो परिवार नियोजन के साधनों को जानते भी नहीं हैं और कुछ लोग इन साधनों का प्रयोग करना अपने धर्म के खिलाफ मानते हैं, जबकि कुछ लोग इन साधनों को खरीद नहीं सकते हैं। हालाँकि ये साधन सरकार के द्वारा निशुल्क दिए जाते हैं फिर भी प्रयोग नहीं करते हैं।

3. मनोरंजन के साधनों की कमी:

देश के बहुत से गाँवों में आज भी मनोरंजन के साधनों की कमी है जिसके कारण लोग सेक्स को मनोरंजन का साधन मानते हैं और परिवार बढ़ाते रहते हैं।

4. अंधविश्वास:

शिक्षा की कमी के कारण लोग परिवार नियोजन के उपायों को ठीक से नहीं अपनाते हैं। जैसे भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग यह मानते हैं की पुरुष नसबंदी कराने से व्यक्ति की ताकत कम हो जाती है और वह मेहनत का काम करने लायक नहीं रहता है।

5. सरकार की गलत नीतियां:

आजकल सरकार लोगों को 1 बच्चे के जन्म पर 6 हजार और दूसरे बच्चे के जन्म पर भी 6 हजार रुपये देती है। अब ऐसी नीतियों के परिवेश में परिवार नियोजन कैसे सफल होगा?
ज्ञातव्य है कि चीन ने अपनी जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए 1 बच्चे की नीति को कठोरता से लागू किया था और जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण पा लिया है, लेकिन इसका भारत उल्टा कर रहा है। मेरे हिसाब से सरकार को 6 हजार रुपये नकद ना देकर पोषण युक्त खाद्य सामाग्री निशुल्क देनी चाहिए ताकि बच्चे स्वस्थ पैदा हों।

जनसंख्या विस्फोट के परिणाम:

1. देश के संसाधनों पर दबाव:

यदि किसी देश में जनसंख्या तेजी से बढती है तो उस देश में मौजूद आधारभूत संरचना और संसाधनों पर दबाव बढ़ता है जिससे कि देश का विकास प्रभावित होता है, और फिर देश गरीबी के कुचक्र में फंस जाता है।

2. लोगों के जीवन स्तर में गिरावट:

 यह तो बिलकुल सामान्य सी बात है कि जब कमाने वाले कम होंगे और खाने वाले ज्यादा तो लोगों को उनकी शारीरिक जरूरतों के अनुसार भोजन और पोषण नहीं मिल पायेगा फलस्वरूप उनके जीवन स्तर में गिरावट आती जाएगी। भारत में आज भी बहुत से गाँवों में यह सिलसिला जारी है।

3. गरीबी का दुष्चक्र:

यदि किसी के माता पिता गरीब हैं जिन्होंने अधिक बच्चों के कारण सभी बच्चों की ठीक से पढाई लिखाई पर ध्यान नहीं दिया तो ऐसा संभव है कि उसकी आने वाली पीढियां भी इसी चक्रवात में फंसी रहेंगी और गरीब के घर में गरीब पैदा होता रहेगा।

उपसंहार:

भारत भी इस तरह की स्थिति में 70 के दशक में फसा था यही कारण है की भारत की नीति निर्माताओं ने उस समय “हम दो हमारे दो” का नारा दिया था और जनसंख्या नियंत्रण के लिए नसबंदी अभियान चलाया था।
इस प्रकार स्पष्ट है कि जनसंख्या विस्फोट की स्थिति सभी देशों के विकास में बाधक है।

यह एक इस तरह की वृद्धि है जिस पर अल्प विकसित देशों को घमंड करने की बजाय शर्म आती है। इसके उलट विश्व में जापान, रूस और फ़्रांस जैसे देश भी हैं, जहाँ की जनसंख्या वृद्धि नकारात्मक दौर में पहुँच गयी है और वहां की सरकारों को लोगों से जनसँख्या बढ़ाने की प्रार्थना करनी पड़ रही है और कुछ देशों में सरकार के द्वारा एक से अधिक बच्चे पैदा करने पर पैसा भी दिया जा रहा है।


जय हिंद, जय हिंदी, भारत माता की जय।
प्रणाम।

Nirdesh Kumar

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