ओ मां तुझको मैं बहुत प्यार करता हूं,
तेरी ममता को दिल से गुणगान करता हूं,

अपनी उंगली पकड़ा कर चलना सिखाने वाली,
मेरे गिर जाने पर दौड़कर उठाने वाली,

उन लम्हों को अब बहुत याद करता हूं
ऐ जननी तुझे मैं शत-शत प्रणाम करता हूं,

मुझे जब भी कोई तकलीफ होती थी,
मुझे सुला कर भी तू ना सोती थी,

जब भी मैं तुझको मां बुलाता था,
ना जाने क्यों चेहरा तेरा खिल जाता था,

फिर से तेरी गोदी में बैठने की चाह करता हूं,
हे जननी तुझे मैं शत-शत प्रणाम करता हूं,

मुझे क्या पता था तुझसे दूर हो जाऊंगा,
पैसे कमाने की चाहत में तुझी को छोड़ जाऊंगा,

दूर रहकर अब एहसास होता है,
ऐ मां ये दिल मेरा हर पल रोता है,

मन के दर्पण में अब तेरा दीदार करता हूं,
हे जननी तुझे मैं शत-शत प्रणाम करता हूं,

रोज सुबह को मुझे प्यार से जगाना,
नहला कर माथे पर काजल का टीका लगाना,

 टॉफी के लिए पैसे देकर स्कूल बस में बिठाना,
 आंखों से ओझल होने तक हाथ का हीलाना,

 उन सब बातों को याद कर अक्सर रोता हूं,
 हे जननी मैं तुझे सत सत प्रणाम करता हूं


Arun Kumar Mishra

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