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क्यों आए वो करीब जब उन्हें जाना ही था,
क्यों दिखाए सपने जब उन्हें तोड़ना ही था।

खिलौना समझ कर उन्हें हमारे दिल से खेलना था,
हम भी थे पागल जो भरोसा किया,
इसलिए हमें तो रोना ही था।

ऐ खुदा यहाँ जो भी होता है उसमें तेरी मर्जी होती है,
ये तो तुझे याद दिलाना ही था।

Pooja Poddar


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