तुम क्यों रूठे हो मुझसे आज,
कितने ख्वाब टूटे है मेरे आज।

हमें तो मनाने का कोई तजुर्बा ही नहीं,
आओ ना कुछ गिले शिकवे करें आज

तेरे ही इंतज़ार में बैठी हूँ दहलीज पर,
लगता है मुझे तुम मनाओगे आज।

सुनो आज मैंने तेरी चाहत में,
गुलाबों संग पैगाम भेजा है आज।

आ भी जाओ थाम लो मेरा हाथ,
तुम बिन दिल बहुत उदास है आज।

तन्हाईया रुसवाईयां बहुत रूलाती है.
कही धड़कने बगावत ना कर ले आज।।

Rajmati Pokharan Surana

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