* दान गरीबी को ख़त्म करता है.
→ अच्छा आचरण दुःख को मिटाता है.
→ विवेक अज्ञान को नष्ट करता है.
→ जानकारी भय को समाप्त करती है.

* 
Charity puts and end to poverty;
→ righteous conduct to misery;
→ discretion to ignorance;
→ and scrutiny to fear.

* वासना के समान दुष्कर कोई रोग नहीं.
→ मोह के समान कोई शत्रु नहीं.
→ क्रोध के समान अग्नि नहीं.
→ स्वरुप ज्ञान के समान कोई बोध नहीं.

*
 There is no disease (so destructive) as lust;
→ no enemy like infatuation;
→ no fire like wrath;
→ and no happiness like spiritual knowledge.

* व्यक्ति अकेले ही पैदा होता है.
→ अकेले ही मरता है.
→ अपने कर्मो के शुभ अशुभ परिणाम अकेले ही भोगता है.
→ अकेले ही नरक में जाता है या सदगति प्राप्त करता है.

*
 A man is born alone
→ and dies alone;
→ and he experiences the good and bad consequences of his karma alone;
→ and he goes alone to hell or the Supreme abode.

* जिसने अपने स्वरुप को जान लिया उसके लिए स्वर्ग तो तिनके के समान है.
→ एक पराक्रमी योद्धा अपने जीवन को तुच्छ मानता है.
→ जिसने अपनी कामना को जीत लिया उसके लिए स्त्री भोग का विषय नहीं.
→ उसके लिए सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड तुच्छ है जिसके मन में कोई आसक्ति नहीं.

*
 Heaven is but a straw to him who knows spiritual life (Krsna consciousness);
→ so is life to a valiant man;
→ a woman to him who has subdued his senses;
→ and the universe to him who is without attachment for the world. 


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