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संघर्षो की कोई सीमा होती, संघर्ष करके ही हंस पाता है मोती। याद आ रहा है ,वह बचपना . . . कायरो का प्रमुख गुण पछताना हैं वीर का गुण और आगे जाना है।
साहसी गरल को पीते हुये बढ़ता जाता है रास्ते मे चाहे जो भी विघ्न आये , हे भारत के भाग्य विधाता . . . सभी विघ्नो से अजेय होते हुये , इक नया चमन बसाता है।
उस बसते हुये चमन मे मितभाषी और संघर्षि लोग होते है। वे लोग हर दिन के साथ विजय होने का बीज बोते हैं। सुना है गैर के वो प्रेम में, बर्बाद रहता है . . . बीच मे जो प्रत्यावर्तित हुआ वह महान नही कायर हुआ।
परआश्रित लोग इक दिन वृद्ध विलुप्त हो जाते हैं, संघर्षी लोग अजर हो जाते हैं। प्रेम-विरह . . . संघर्ष के बल पर ही बड़े से बड़ा इतिहास लिखा जाता है, संघर्ष हमारा कर्म ही नही वह हमारी माता है।
संघर्षी व्यक्ति के नजरों मे सभी चुनौती समान होती है, क्योंकि उसके हाथ मे संघर्ष रूपि कमान होती है। संघर्ष ही जीवन भर कि उसकी लगान होती है।
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