अपना  हाल- ए -  दिल बताऊँ   तो  बताऊँ  कैसे,
जो राज दिल में  है  वो छुपाऊँ   तो  छुपाऊँ  कैसे ,
एक पल में तो नहीं मिली हैं ये ज़िंदगी की  सौगात

फिर इस ज़िंदगी को भूलाऊँ  तो भूलाऊँ  कैसे |
कुछ  अपनों  के दिये दर्द  हैं  कुछ  औरो  के,
फिर इस दर्द से पीछा छुड़ाऊँ  तो छुड़ाऊँ  कैसे
फिर इस ज़िंदगी ..........
पढ़े - नारी शक्ति एक पहचान है . . .
जो  लम्हें  बीत   गए   हैं   ज़िंदगी  - ए - सफर  में ,
उन लम्हों को फिर से  पास बुलाऊँ  तो बुलाऊँ  कैसे |

तिनका  तिनका  जोड़कर  जो  बनाय़ा  आशियां ,
उन आशियों को अपने ही हाथों जलाऊँ  तो जलाऊँ  कैसे
फिर इस ज़िंदगी ............
पढ़े - एक हार हुई तो क्या हुआ कई . . .
हमें  प्यार  की  चाहत  पर  उन्हें   गमों  से   हैं  मोहब्बत ,
आखें उनकी जान हैं मेरी पर उन्हें इसकी भी हैं शिकायत
फिर बताओ अपनी शोहरत को  सजाऊँ   तो सजाऊ कैसे,
फिर इस ज़िंदगी .............
पढ़े - श्रधांजली . . .
शाम   ढ़ली   अब  रात   ढ़ली   सब   बात    ढ़ली,
मुकद्दर   की   चाहत  ढ़ली  , सब  औकात   ढ़ली |
फिर सोचों इन ख्वाबों को दफनाऊँ  तो दफनाऊँ  कैसे
फिर इस ज़िंदगी ..............

Mukesh ojha

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