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अपना हाल- ए - दिल बताऊँ तो बताऊँ कैसे, जो राज दिल में है वो छुपाऊँ तो छुपाऊँ कैसे , एक पल में तो नहीं मिली हैं ये ज़िंदगी की सौगात
फिर इस ज़िंदगी को भूलाऊँ तो भूलाऊँ कैसे | कुछ अपनों के दिये दर्द हैं कुछ औरो के, फिर इस दर्द से पीछा छुड़ाऊँ तो छुड़ाऊँ कैसे फिर इस ज़िंदगी .......... पढ़े - नारी शक्ति एक पहचान है . . . जो लम्हें बीत गए हैं ज़िंदगी - ए - सफर में , उन लम्हों को फिर से पास बुलाऊँ तो बुलाऊँ कैसे |
तिनका तिनका जोड़कर जो बनाय़ा आशियां , उन आशियों को अपने ही हाथों जलाऊँ तो जलाऊँ कैसे फिर इस ज़िंदगी ............ पढ़े - एक हार हुई तो क्या हुआ कई . . . हमें प्यार की चाहत पर उन्हें गमों से हैं मोहब्बत , आखें उनकी जान हैं मेरी पर उन्हें इसकी भी हैं शिकायत फिर बताओ अपनी शोहरत को सजाऊँ तो सजाऊ कैसे, फिर इस ज़िंदगी ............. पढ़े - श्रधांजली . . . शाम ढ़ली अब रात ढ़ली सब बात ढ़ली, मुकद्दर की चाहत ढ़ली , सब औकात ढ़ली | फिर सोचों इन ख्वाबों को दफनाऊँ तो दफनाऊँ कैसे फिर इस ज़िंदगी ..............
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