एक कर्मनिष्ठ नेत्री को
हमने खोया है।
आशाएं अमर है,
लाभन्वित होंगे ही हम
उससे जो कुछ भी
इन्होंने बोया है।

प्रकृति का तो ये नियम है की 
जो आता है सो जाता है।
लेक़िन,
विदाई पर इस दिव्यात्मा के
प्रकृति ने भी ख़ूब रोया है।
श्रद्धांजलि
सुषमा स्वराज


Aditya


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