मेरी जिंदगी का पहला ख्वाब है तू
मेरे ख्वाबो में आया जनाब है तू
मेरी जीवन की बगिया का खिलता गुलाब है तू
मेरी मोहब्ब्त का पहला खुमहार है तू

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इश्क की बांदियों में उड़ता गुलाल है तू
मेरी दिल को चुराने वाला पहला जनाब है तू
मजधार में फसी मेरी जिंदगी की नईया का पतवार है तू
सावन की पहली वर्षात है तू

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इश्क में दुबी रहूँ मैं तेरी
यही बस अरमान है मेरी
तुझ बिन मेरी कोई दरगाह नही
दुनियाँ वाले क्या कहेंगे

पढ़े - गुलाम देश का वो एकलौता आज़ाद था

इसकी मुझे परवाह नही
सातो जन्मों तक तेरी मैं बन के रहूँ
यही है अरदास मेरी

Shubham Poddar

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