आदित्य बाहर जा चुका था| शायद मार्केट गया होगा या किसी यार-दोस्त के रूम पर| पता नहीं पर मुझे गुस्सा और तरस दोनों आ रहा था तत्काल आदित्य पर| कितना बेवकूफ लड़का है? एक तरफ़ अपने बारे में लिखवाना भी चाहता है| और दूसरी तरफ़ कुछ बताना भी नहीं चाहता| वैसे भी किसी व्यक्ति विशेष के बारे में लिख पाना इतना भी आसान काम नहीं| इतने दिनों से वह कहता था तो मैं नहीं लिखता था| और आज जब मैं उस पर कुछ लिखना चाह रहा तो वह भागे फिरता है|
तब तक के लिए मैं भी बाजार से साक-सब्जी लाने चला गया| आदित्य घूम-फिर कर अपने कमड़े पर आ गया था इस बीच| अपने रूम में बाजार से आते ही आदित्य के रूम का ताला खुला देख मेरी बाँछें खिल उठी| मैं जल्दी-जल्दी अपना सब्जी वाला झोला किचन में पटक, कपड़े उतारे बिना ही उसके रूम में पहुँच गया| मेरी बेताबी देखने लायक थी उस समय| मुझ में तनिक भी सब्र नहीं बची थी| मैं पूरी की पूरी कहानी एक ही साँस में सुन लेना चाहता था|
आदित्य बत्तीसी दिखाता हुआ अपने गालों पर डिंपल उभार कर मंद-मंद मुसकाता रहा| मैं भी ज़िद्दी नम्बर वन| कहाँ उसके मुस्कानों के पीछे छिपे राज़ को जाने बिना रह सकता था| मैं ज़िद्द पर ज़िद्द करने लगा| वह मुस्कुराते हुए बोला -"बेल्ट्रॉन एक राज है जो कभी नहीं जान पाएंगे आप"|
एक दिन क्लास में मैं जल्दी पहुँच गया था वह भी आ चुकी थी| मैंने मौका पाकर दोस्ती का हाथ बढ़ाया उसके तरफ़, पर वह बिफ़र उठी मुझ पर| कहने लगी "हम ऐसी-वैसी लड़की नहीं है जो आप जैसे उच्चका लड़कों से दोस्ती करते फिरें"| गंगा मैया सपत भैया उस समय मन तो हुआ कि लाज से गंगा के रेत में मुँह घुसा कर छुप जाएं| पर क्या कहें भैया अनोखी उसी अदा दिल ले गई| इससे पहले मुझे इश्क़-विस्क का तनिक भी इल्म नहीं था| मैं तो बस लड़कियों से दोस्ती करके ही ख़ुश हो लिया करता था"|
Tags: Hindi
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