थोड़ी देर गुमसुम रहने के बाद खामोशी तोड़ते हुए बोले - "जानते हैं चच्चा सगुन क्या कहती थी? वह कहती थी नेक इंसान और वीर शहीद जवान का खून पाँव का महावर नहीं बल्कि सिर का सिंदूर बनता है| कितना सही कहती थी न| लगता है उसके नसीब में भी यही लिखा है"|
Tags: Hindi
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