आखिर होते भी कैसे नहीं मैं उनका इकलौता बेटा था । और स्वभाव से ही जिद्दी रहा । 
मैंने ये खुशखबरी काया को सुनाई ।
मैंने काया से कहा था कि
"अपने पापा को मेरे यहाँ रिश्ते लेकर भेजना,  काया भी मेरी बात मान चुकी थी"

मेरी मोहब्बत दीवानगी में बदलती जा रही थी दिल करता था कि फौरन काया को अपना बना लूं ,मगर रस्म रिवाज के आगे मजबूर था ।
काया के पिता जब मेरे यहाँ आए थे तो उनसे पता चला कि वो भी बहुत बड़े बिजनेसमैन थे । काया उनकी इकलौती बेटी थी । काया की मम्मी मर चुकी थी । इसलिए काया के पापा काया का बेहद ख्याल रखते थे ।
हमारी शादी की बात तय हो गई थी । मेरे घर के सभी सदस्य काया को देखने गए थे । आकर सबने काया की तारीफ़ की थी । लेकिन अंधी है ये जानकर सभी को अंदर से सदमा था ।
लेकिन मैं तो इतना खुश था कि जैसे कोई लॉटरी मिलने वाली हो ।
एक महीने बाद हमारी शादी थी। शादी तय होने के बाद काया हमसे खुलने लगी थी । अब मैं बिजी भी रहता तो काया फोन कर दिया करती थी ।
ऐसा लगता था कि जैसे उसके दिल में भी चाहत की लौ जल उठी हो।
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रात को सोने से पहले काया से बात करने की आदत हो गई थी । मैंने शादी का बेहतरीन जोड़ा पसंद किया था । जब काया को जोड़ा भेजा तो उसने कहा
"आपकी पसंद बहुत खूबसूरत है, मैंने टटोलकर छुआ देख तो सकती नहीं"
"काया आप मेरी आँखों से देखना और आप अंधी हो ही नहीं"
मैंने प्यार से कहा।
समय पंख लगाकर उड़ने लगे । दीदी और मम्मी शादी की तैयारियाँ करने लगी । शादी का दिन आखिरकार आ ही गया । रिश्तेदारों के आगमन से घर भर गया था । जिसको भी पता चलता कि मैं एक अंधी लड़की से शादी कर रहा वो सब मुझे पागल समझते थे और दया की दृष्टि से देखते थे । कुछ ने तो मुझे लालची भी कहा कि काया की दौलत पाने के लिए शादी कर रहा ।
मगर मैं लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देता था ।

इन्तज़ार की घड़ियां बीत गयी । शादी के मंडप पर जब काया को देखा तो देखते ही रह गया ।
दुल्हन के रूप में काया इतनी खूबसूरत लग रही थी कि जो भी मेरे रिश्तेदार मुझे पागल समझ रहे थे वो भी चुप हो गए थे ।
काया के चेहरे पर एक मुस्कान थी ।
मेरा एक दोस्त काया की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाया

"यार भाभी इतनी खूबसूरत है कि क्या कहूं मुझे भी कोई अंधी लड़की इतनी खूबसूरत मिल जाए तो फौरन शादी कर डालूं"

मैं सुनकर मुस्कुरा उठा ।
आज की रात हसीं रात थी हमारी शादी संपन्न हो गई ।
मुम्बई के एक शानदार होटेल में हमारी शादी हुई थी ।
विदाई के समय काया अपने पापा के गले लगकर खूब रोयी थी । उसके रोने से मुझे बड़ी तकलीफ हो रही थी ।
घर पर तमाम रस्मों के साथ काया का स्वागत किया गया । > वादा है आपसे - भाग - 5

Radha Yshi

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