ऑफिस के लिए सिराज ने आलिया को अपनी ही गाड़ी में बैठने को कहा तो आलिया हिचकते हुए बैठ हुई । गाड़ी ड्राइव करते हुए सिराज की तरफ आलिया ने देखा उसके चेहरे पर एक सुकून सा था उसकी आँखों में पाकीजगी झलकती थी किसी खूबसूरत शहजादे की तरह उसकी पर्सनालिटी थी ।
आलिया के जज़्बात उभरने से लगे थे कि तभी सिराज ने आलिया की तरफ देखकर कहा डोन्ट वरी आलिया सब ठीक हो जाएगा  । आलिया ने झेंपकर निगाहें नीची कर लीं । ऑफिस पहुंच कर आलिया ने देखा सिराज के केबिन की डेकोरेशन इतनी शानदार थी कि वह ठगी सी रह गई । सिराज की असिस्टेंट के रूप में अब आलिया को भी ऑफिस की जिम्मेदारी दी गई ।
आलिया को सिराज की सेक्रेटरी ने सब काम समझा दिया था । आलिया मन लगाकर कम्प्यूटर में फाइल की डिटेल्स सेव करती रही ।  देखते-देखते ही लंच टाइम आ गया आलिया को पता भी नहीं चला ।
सिराज ने आलिया के केबिन में आकर कहा -" आलिया चलिए कैंटीन है बगल में लंच करते हैं!" आलिया ने जल्दी से लैपटॉप बंद किया फिर चल पड़ी । कैंटीन पहुँचकर सिराज ने पूछा -"कैसा लगा मेरा ऑफिस और काम करना अच्छा लगा! "

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आलिया -"सच कहूं तो मुझे बहुत अच्छा लगा और आपका ऑफिस तो शानदार है! "
सिराज ने वेटर को ऑडर दे दिया था ।
फिर दोनों लंच करने लगे । आलिया की हया से झुकी पलकों को देख सिराज ने आलिया की तरफ से नजरें हटा ली। दोनों लंच करके फिर ऑफिस आ गए ।
जब रात को आलिया सिराज के साथ घर आई तो देखा उसके ताउ बरामदे में निदा अहमद के साथ बैठे हैं । आलिया ताउ के गले लगकर रो पड़ी । ताउ की आँखें भी भर आई बोले "नहीं आली मत रो तू तो बहादुर बेटी हो चलो घर आली!"
तभी निदा अहमद ने टोक दिया -"भाई साहब आलिया हमारे ऑफिस में काम करेगी उसे सैलरी मिलेगी अपना मुस्तकबिल (भविष्य ) बनाने दीजिए और वैसे भी मेरी कोई बेटी नहीं है इसे मैंने बेटी मान लिया है, बहुत प्यारी बच्ची है मेरी बेटी बनकर इसी घर में रहेगी ! आलिया के ताउ ने निदा अहमद के सामने अपने हाथ जोड़ लिए और कहा आपका ये एहसान मैं कभी न भूलूंगा"

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सिराज अहमद ने उनका हाथ थाम लिया और "कहा आप बेफिक्र रहिए आलिया मेरे यहाँ सेफ रहेगी वर्ना शहरयार आलिया को फिर से किडनैप करा सकता है!"
ताउ को उन सबकी बातें सही लगी फिर उन्होंने आलिया को दुआएं देकर अपने घर की राह ली ।
घर में कदम रखते ही रुखसाना बेगम ने महमूद गुलफाम  को आड़े हाथों लिया "कहां गए थे अपनी आलिया से मिल आए बिरादरी में नाक कटा दी तेरी भतीजी ने हमें सर उठाने के काबिल नहीं छोड़ा !"
आलिया के ताउ महमूद गुलफाम अपनी बीवी की बातें सुनकर दहल गए फिर खामोशी से अपने कमरे में चले गए । महमूद गुलफाम का बेटा सनी गुलफाम जिसे किसी भी मैटर से कोई मतलब नहीं था घर में क्या हो रहा है नहीं हो रहा बस दिन भर आवारागर्दी करना और लफंगे दोस्तों के साथ टाइम वेस्ट करना ।
महमूद गुलफाम जब भी बेटे को रोकने की कोशिश करते रुखसाना बेगम बोल पड़ती मेरा इस इस उम्र में नहीं घूमेगा तो कब घूमेगा । रुखसाना बेगम के झगड़ालू नेचर की वजह से महमूद गुलफाम खामोश हो जाया करते थे ।

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धीरे-धीरे आलिया अब अपने जख्म भूलने लगी ।
निदा अहमद की किचन आलिया ने सँभाल लिया यूं तो घर में नौकरों की फौज लगी थी मगर निदा अहमद अपने शौहर और बेटे के लिए खुद खाना बनाती थी ।
अब तो आलिया ने ये काम अपने हाथ में ले लिया आलिया के हाथों की शामी कबाब खाकर कादिर अहमद के मुँह से तारीफ़ के लफ्ज निकल पड़े ।
और सिराज ने भी डायनिंग टेबल पर आलिया के मुस्कुराते चेहरे को देखा तो उस दफा बेशुमार प्यार उमड़ आया । निदा अहमद तो आलिया की बलाएं लेने लगी । आलिया सबसे घुल मिल गई थी ।
कभी-कभार आलिया सिराज की लौ देती मोहब्बत भरी निगाहों से पजल (शर्मसार) हो जाती ।
आलिया सादे लिबास पहनती थी मगर कयामत का हुस्न पाया था उसने तभी तो उसका हुस्न ही उसका दुश्मन बन गया । जब भी शहरयार की याद आती आलिया को शिद्दत से नफ़रत महसूस होती ।
सिराज के छाँव तले आलिया को यकीन था कि वह महफूज है । सिराज रोज ही अपनी गाड़ी के फ्रंट सीट पर बैठाकर ऑफिस ले जाता । आलिया ने एक दिन फास्ट रखा था तो ऑफिस में ही अचानक गश खाकर गिर पड़ी । सिराज को पता चला तो फौरन आया आलिया के चेहरे पर पानी छिटका तब आलिया को होश आया । सिराज की बेताबी देखकर ऑफिस के स्टाफ दंग रह गए । आलिया ने भी देखा सिराज बहुत परेशान हो गया था आलिया को खूब डाँटा भी ।

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दोनों के ही दिल में जज्बात उभरने लगे थे एक-दूसरे के लिए । जब तक सिराज आलिया को देखता नहीं उसे चैन नहीं मिलता ।
धीरे-धीरे निदा अहमद भी अपने बेटे की नज़रों को भांपने लगी थी ।
एक दिन शाम के समय कादिर अहमद ने सिराज को बुलाया । निदा अहमद और कादिर अहमद दोनों लॉन में बैठे थे । जब सिराज आया तो कादिर अहमद ने एक फोटो सिराज की तरफ बढाया और कहा "बेटे मैंने तेरा निकाह पक्का कर दिया है जमाल अली की बेटी सारा अली से जमाल मेरा अच्छा दोस्त है!"
ये सुनकर सिराज दंग रह गया,और उसने लिफाफे की  तरफ बढते हाथ को रोक दिया ।
"अब्बा फैसला लेने से पहले आपको हमसे पूछ लेना चाहिए था कि मैं निकाह करना चाहता या नहीं!" सिराज ने कहा ।
"बेटा सारा वेल ऐजुकेटेड ,वैल मैनर्ड लड़की है और खूबसूरत भी है अब क्या चाहिए तुम्हें? "
"अब्बा मुझे सारा से निकाह नहीं करना है आप अपने दोस्त को फौरन ही मना कर दीजिए!"
कादिर अहमद तैश में आ गए फिर बोले -"उससे नहीं करोगे निकाह तो फिर किससे करोगे?"
"अब्बा मैं आलिया को पसंद करता हूं उसी से करूंगा निकाह सिराज के जुबान से खुद ब खुद ये बात निकल गई!"  निदा अहमद भी हैरान हो गई सुनकर ।

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आलिया ने कादिर अहमद की गुस्से भरी आवाज सुनी तो वो भी मेन गेट पर आ गयी थी । सिराज की बातें सुनकर आलिया भी हैरान परेशान हो गयी ।
सिराज इतना कहकर सीधे अपने कमरे की तरफ आ गया गेट पर आलिया को देखकर ठिठक गया फिर कमरे की ओर बढ गया ।
निदा अहमद ने कादिर साहब के गुस्से को कम करना चाहा और कहा आराम से बात कीजिएगा रात को फिलहाल चलिए कमरे में ।
नौकरों के सामने इतना गुस्सा ठीक नहीं ।
कमरे में आकर कादिर साहब ने कहा "आलिया एक अनाथ बच्ची सादा रहन सहन है उसका मेरे खानदान से क्या मुकाबला ,मेरे घर के स्टैंडर्ड को वो मैनेज नहीं कर पाएगी और देखो निदा समझाओ सिराज को आलिया को केवल दो महीने हुए आए फिर उसके चाल चलन देखो हमने उसे पनाह दी और उल्टा मेरे ही बेटे को फांस लिया।"

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निदा ने कहा "प्लीज आप ऐसी बातें मत कीजिए आखिर आलिया में बुराई ही क्या है मुझे तो पसंद है आलिया !"
कादिर साहब गुस्सा हो गए और कहा - "मैंने अपने दोस्त को जबान दी है सारा मेरी बहू बनने लायक है ,
सुनो निदा कल हमारा दोस्त अपने घर आ रहा है तब तक तुम सिराज को समझा लो।"
आलिया ने खाने के लिए निदा अहमद से पूछने आयी थी कि कादिर साहब की बातें सुनकर धक सी रह गयी । उल्टे पैर अपने कमरे में चली गई कुछ देर बाद सिराज आलिया के कमरे में आया और घुटने के बल बैठकर आलिया से कहा -" आलिया मैं जिस जीवनसाथी के ख्वाब देखा करता था वो केवल आप हो आपसे मुझे बेइंतहा मोहब्बत हो गई है ऐसा लगता है जैसे मैं आपको काफी अरसे ( सालों ) से जानता हूँ ,
लेकिन आपके दिल में क्या है नहीं पता मगर फिर भी मुझे यकीं है कि आप भी मुझसे मोहब्बत करती हो ।

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क्या आप हमसे निकाह करोगी?"
ये सुनकर आलिया की आंखें बरसने को बेताब हो गई ।
सिराज अहमद जैसा लड़का उसके घुटने में बैठा मोहब्बत की भीख मांग रहा था जिसके लिए हजारों लड़कियों की लाइन लगी थी ।
आलिया की पीठ सिराज की तरफ थी आलिया ने कहा "इस वक्त बेहतर होगा कि आप यहाँ से चले जाइये !"
" मगर मैं आपका जवाब सुनना चाहता हूँ!"
"देखिए सिराज अहमद आप मेरे एक अच्छे दोस्त हैं केवल मैंने कभी भी आपको प्यार की नजर से नहीं देखा और न ही मैंने कभी आपसे प्यार किया है ,
बेहतर होगा कि आप अंकल का कहना मान लीजिए और सारा अली से फौरन निकाह कर लीजिए !"
ये सुनकर सिराज ने कहा "आपके पास चौबीस घंटे का वक्त है सोचकर बताइएगा हमसे झूठ बोलने की गुस्ताखी मत कीजिए, मेरा दिल जानता है कि आप झूठ बोल रही!"
तभी आलिया ने उसकी तरफ चेहरा किया और कहा "नहीं मैंने सच कहा है ,
कल ही आपके ऑफिस से रिजाइन देकर चली जाऊंगी मैं इतनी तौहीन ( अपमान )बर्दाश्त नहीं कर
सकती मैं!"

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सिराज गुस्से से मुठ्ठियाँ भींचकर चला गया ।
गेट लगाकर आलिया चुपके से रोने लगी ।
कैसे कहती आलिया सिराज अहमद से कि मैं भी आपसे प्यार करती हूँ अगर ऐसा कहती तो पक्का कादिर साहब आलिया को बदकिरदार घोषित कर देते ऐसे ही उनके मन में आलिया के प्रति गलत भाव आ गए थे ।
इसलिए आलिया ने अपने जज्बात को अंदर ही दफना दिया ।

Radha Yshi

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