मैने थोडासा किया तबाह खुद को
आप समझने लगे जहाँपनाह खुद को

पढ़े - ज़ुस्तज़ु 

ख्वाहिशे अपनी मकम्मल हुई तो
ग़ुरूर से सोच लिया अल्लाह खुद को

पढ़े - तलाश में

में तो मस्त फकीर बनके फिरता रहा
हार या जीत में रखा बेपरवाह खुद को

पढ़े - काबिलियत की नुमाईश

राहे उतनी भी मुश्किल नही जिंदगी की
मैने उलझनों से किया गुमराह खुद को

पढ़े - अधूरी ख्वाहिशें

सोचता हूं आगे जिंदगी आसान बन जाये
मुमकिन है कल बनाओगी हमराह खुद को

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