स्वेत लहर अब बहुत हुआ,
तुफानो का बवंडर अब भेजिए।
वीर नंदन अभीनंदन जैसा,
बस दो-चार जवान को सिमा पार करने दिजिए।

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अब रक्त के बदले रक्त नही,
दुश्मनो के रूह तक को जला दीजिए।
अभिनंदन ने जो पाक को जख्म दिया है,
उन जख्मो को कुरेदने उसे फिर से भेज दीजिए।

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डाइलॉग-बाजी बहुत हुआ,
अब एक बार फिर से आर-पार कीजिए।
आतंकवाद जो पाला है पाक ने,
उसके रूह तक को तड़पाने के लिए,

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एक बार फिर से उसके घर में घुस के वार कीजिए।
करगिल में लाहौर तक,
अब इस बार इस्लामावद पे तिरंगा लहराईए।
       जय हिन्द

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