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जो दिल को दे नही राहत....मुहब्बत हो नही सकता।जो तुझसे इश्क न होता.....ये दिल पागल नही होता। तेरी आँखों के पानी को......ये दिल क्भी शह नही सकता। जो तुझको प्यार हो जाये....तो समझो दिल बेगाना है। जो तू सपनो में न आये......वो राते हो नही सकती। जो तुझसे प्यार न होता...... ये दिल आशिक नही होता। तेरे सपनो के सागर में ये दिल डूबा नही होता......... मेरे दिल के दीवारो पे ये मुहब्बत न लिखा होता। तेरी यादो के सिरहाने हमे अब नींद न देती। तेरी जुल्फो के चादर में बड़े मदहोश रहते है। जब से तू चली गयी.......... बारे खामोश रहते है। जो तू बेईमान न होती........ये दिल बर्बाद न होता। तेरे आशिक हजारो है........पर हमसा न कोई होगा। जो तुझसे आँख न लड़ती...ये दिल कायल नही होता। ये तेरी निल सी आँखे हमे कैदी बनती है। तेरी यादो के बिस्तर पे .......ये दिल जाने क्यूँ रोता है। ये बारिश न हुई होती........जो तेरी याद न आती। तेरे पलको के झांझर में जो काजल न लगी होती। तभी झट से कहा उसने......... कि तुमसे प्यार न होगा तू पागल है,दीवाना है,तू आशिक है,आवारा है। तभी ये कह दिया हमने की इसकी वजह भी तू ही है। तेरा जो साथ न होता........ तड़पना दिल को न पड़ता तेरी धोखा-धरी से क्यूँ....... ये मेरा दिल तरपता तेरी जुल्फो के कायल है..... तेरी नजरो से घायल है। तेरा हमे देख कर न मुड़ना....... हमे बड़ा जख्म देती है। तेरे पैरोँ के ये पायल,तेरी जुल्फो के ये झांझर, तेरी होठो की ये लाली तेरी आँखों का सरमाना....... हमे इजहार करती है,तू मुझसे प्यार करती है। पर न जाने क्यों कहने से तू डरती है।