आप छिपके भी क्या कीजिएगा ।
फिर से कोई दगा कीजिएगा ।

चुप रहूंगी फ़कत देखते जा
है पता बस दुआ कीजिएगा ।

इस उदासी में मत रहना सुनो
तोड़ दिल को जफ़ा कीजिएगा ।

आने से आपके खिलते गुलशन
दूर होके खफ़ा कीजिएगा ।

है शिकायत मुझे आपसे भी
आरजू को हवा कीजिएगा ।

कुछ तो मेरे हवाले अभी कर
साँसों में ही घुला कीजिएगा ।

हो शनाशाई जब इस "यशी" के,
इस जहां में मिला कीजिएगा ।

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