"रोहित मैं तेरे बिना मर जाऊंगी प्लीज रोहित घर वाले तैयार नहीं हैं तो क्या हुआ?"
" कोर्ट मैरिज कर लो हमसे
मुस्कान ने रोते हुए रोहित के पैरों पर गिरकर कहा ।"
"मुस्कान मत रो मैं क्या करूं मेरे भैया आत्महत्या कर लेंगे?"
"इसलिए तुम किसी और से शादी कर लो ।"
इतना कहकर रोहित चला गया ।
मुस्कान शिवमंदिर में जाकर सर पटक पटककर रोती रही ।
"हे शिव शंकर भोलेनाथ मैंने उसे बहुत प्यार किया उसके बिना कैसे जीऊं?"
"मुझे मौत दे दो शिव वर्ना तेरी सृष्टि का सर्वनाश हो जाएगा ।"
"तेरी भक्ति करने वाला हमेशा दुख में रहेगा !"

दीवानगी का सुरूर - 1  ---  दीवानगी का सुरूर - 2  ---दीवानगी का सुरूर - 3

"जागो शिव जागो वर्ना मैं आपको और इस सृष्टि को शाप दे दूंगी ।"
अतीत की झलकियाँ मुस्कान की आँखों के आगे ,किसी फिल्म की पर्दे की तरह चलने लगा ।
आज से दो साल पहले मुस्कान को रोहित से प्यार हुआ था ।
दोनों का प्यार परवान चढने लगा ।
"मुस्कान तुम मेरी सांस हो तेरे बिना मैं जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता " रोहित ने मुस्कान के हाथों को चूमते हुए कहा ।
"सच रोहित "
"हां मुस्कान शिव जी से ये दुआ मांगना कि तुमसे जुदा होने से पहले मेरी मौत हो जाए "
"प्लीज रोहित ऐसा मत कहो मरने का कभी नाम मत लेना"
गुस्सा दिखाते हुए मुस्कान ने रोहित की तरफ पीठ कर लिया !
"अरे बाबा गुस्सा क्यों होती हो
 मेरी जान ?"

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रोहित ने प्यार से मुस्कान को अपनी ओर खींचते हुए कहा !
फिर उसके बालों को सहलाते हुए कहा -"मुस्कान मैं तुझे कभी अपने से दूर होने नहीं दूंगा ।"
ये सुनकर मुस्कान की रूह को बहुत सुकून मिला !उसने हंसते हुए अपना सर रोहित के सीने में छिपा लिया ।
ईश्वर से भी ज्यादा विश्वास मुस्कान को रोहित पर था ।
उसने कभी सपने में नहीं सोचा था कि एक दिन उसे यही रोहित खुद से दूर कर देगा ।
रोहित तुम अपने घरवाले से शादी की बात करो ना?
एक दिन मुस्कान ने रोहित से कहा तो रोहित ने कहा ठीक है कल ही बात करूंगा तुम चिंता मत करो मैंने तुझे अर्धांगिनी मान लिया है । ज़माने के सामने तो बस रीत निभानी है ।
हां रोहित मैंने भी तुझे अपना पति मान लिया है ।तेरे अलावे अब कोई पुरूष मुझे स्पर्श नहीं कर सकता वर्ना मैं अपनी जान दे दूंगी । प्यार के नशे से चूर मुस्कान ने जवाब दिया ।

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अच्छा मुस्कान अपना पति भी कहती हो और कभी अपने करीब भी आने नहीं देती क्या यही तुम्हारा प्यार है रोहित ने शरारती मुस्कान के साथ मुस्कान को छेड़ते हुए कहा ।
"रोहित तुम ना पागल हो शादी के बाद वो सब अच्छा लगता है"
" शादी से पहले मुझे ऐसा वैसा करना पसंद नहीं समझे ।"
मुस्कान ने रोहित को समझाते  हुए कहा ।
"ठीक है मेरी जान जैसी आपकी आज्ञा "रोहित ने हंसते कहा
बहुत बार ऐसे पल आए थे जब रोहित बेकाबू हो जाता मगर मुस्कान उसे किसी तरह काबू में रखती थी ।
और फिर रोहित भी मुस्कान की बात को अपनी जगह सही समझता था इसलिए अपने जज़्बात पर काबू कर लेता ।
दो दिन तक रोहित का फोन नहीं आया तो मुस्कान तड़प उठी लगातार बेल बजती पर रोहित रिसीव नहीं करता ।

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आखिरकार दो दिन बाद रोहित ने फोन उठाया तो मुस्कान की जान में जान आई ।
"रोहित क्या हुआ फोन क्यों नहीं करते हो?
"मुस्कान बहुत परेशान हूं "
क्या हुआ?
"मेरे घरवाले ने शादी से इंकार कर दिया ,उनलोगों ने तुझे अपनाने से मना कर दिया ।"
मुस्कान हैरान हो गई ये सुनकर
"मुस्कान परेशान मत हो मैं अपनी फैमिली को मनाने की कोशिश कर रहा हूं ।"
"तुम भी अपनी फैमिली से बात करो ।"
"ओके रोहित मैं भी घर में बात करूंगी ।"
"रोहित अगर घरवाले ने इंकार कर दिया तो क्या मुझे छोड़ दोगे? "
"पागल मत बनो मुस्कान मेरे घरवाले मुझसे बहुत प्यार करते हैं वे जरूर मानेंगे ।"
"फिर भी रोहित अगर वो नहीं माने तो"
 मुस्कान ने उदासी के साथ पूछा
"मुस्कान फिर भी मैं तुमसे शादी करूंगा" मुस्कान रोहित ने मजबूत लहजे में कहा
ये सुनकर मुस्कान को तसल्ली मिली । फिर उसने फोन रख दिया ।

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