सोचता हूँ एक कविता लिंखू
हार लिंखू या जित लिंखू
दुःख लिंखू या सुख लिंखू
नफरत लिंखू या प्यार लिंखू
जख्म लिंखू या मर्ज लिंखू
सपनो के सागर का रीत लिंखू या गीत लिंखू
आँशुओ का बून्द लिंखू या प्रेम का सुगन्ध लिंखू
दिया हुआ दान लिंखू या मिला हुआ अपमान लिंखू
दोस्तों का मिला प्यार लिंखू या दुश्मनो से हुआ संघार लिंखू
यार की यारी लिंखू या दुनिया-दारी लिंखू
दिल पे जख्म पर गया इन उलझनों के बिच

Shubham Poddar

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