वह सुर्ख लाल आफ़ताब क्षितिज को चीरता हुआ, आसमां की ओर रूख करने लगा। भोर की घोषणा कर मानो उम्मीदों की किरणें बिखेरने आया हो। चेतावनी...
'पीतल नगरी में आपका स्वागत है।', दर्शाता बोर्ड यूं यादों के सागर में ले गया। कुछ अधूरे जवाब और बेशुमार सवाल दे गया। वो संकरी गल...