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बेटी शानू को जन्मदिन की दिल से शुभ कामनाएं और देता हूँ शुभ आशीष। प्रगति के पथ पर चलकर करो नाम अपना रोशन।
सबकी प्यारी सबकी दुलारी तभी हृदय में सबके बसती हो। और ख्याल सभी का बेटी जो तुम दिल से रखती हो।। घर आने पर दौड़कर पास आ जाती हो। सीने से लिपटकर प्यारी बेटी।
तुम दिलको खुश कर देती हो। और अपनी प्यारी बातों से दिल मेरा जीत लेती हो।। थक जाने पर, स्नेह प्यार से।
माथे को सहलाती हो, और अपने स्नेह प्यार से तुम थकन मिटा देती हो।। कभी न कोई जिद की किसी बात को लेकर।
कल दिला देंगे, कहने पर मान जाती हो। और छोड़कर जिद्द अपनी, फिर सबके संग खेलने लगती हो।। रोज़ समय पर माँ को
दवा की याद दिलाती हो। और अपने हाथो से अपनी मम्मी को खिलाती हो। और उसका दुख दर्द हर लेती हो। और मम्मी की प्यारी बेटी तुम बन जाती हो।।
घरको मनसे और दिलसे, फूलो सा सजाती रहती हो। उसे सुंदर बनाकर तुम घर को सभाँल लेती हो।। दुख होने पर भी तुम
खुशी खुशी सहती रहती हो। और खुशीयां बांटकर सदा घर वालो को खुशकर देती हो।। दूर होकर भी तुम सदा पास रहती हो।
और कर्तव्य अपना दिलसे बेटी तुम निभाती हो। याद जब भी आये तुम्हारी तो हृदय में एकदम आ जाती हो।। मीलों दूर होकर भी शानू
पास होने का एहसास दिलाती हो। इसलिए तो नाना नानी और दादी दादा को बहुत भाती हो। मामा मामी मौसा मौसी और चाचा चाची बुआ फूफा को प्यारी तुम लगती हो।। मम्मी पापा की अनमोल "हीरा" जैसी तुम बेटी हो।
इसलिए हमारे दिल मे बसी तुम रहती हो। इसलिए शानू को सरस्वती, दुर्गा और लक्ष्मी हम कहते है। क्योंकि तुम सभी का दिल जीत लेती हो।
ये कविता संजय अपनी बेटी शानू को समर्पित करता हैं। और जन्म दिन की ह्रदय से उसे मुबारकबाद देता हैं।। कु. शानू को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं और शुभ आशीष।
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