***
Chath+pooja

छठ पर्व असाधारण अलौकिक
आस्था का सागर उद्वेलित
पवित्रता शुद्धता आधार इसके
श्रद्धालु समर्पित अंतरात्मा पुलके

मरीचि की दिव्य रश्मिया
आलोक तिहूँ लोक सृष्टियाँ
निस्वार्थ पूजन आदित्य देव की
पूर्ण करती कामना व्रतियों की 

प्रकृति पूजन की निराली रीति
उपासना यहां अस्ताचल उदयमान की 
अद्भुत पाठ पीढ़ियाँ सीखती
सम्मान डूबते- उगते दोनों की

पाते जिससे जीवन ,जल ,स्वास्थ्य
कुदरत स्थित संसाधन अनिवार्य
शांति यश पुण्य कीर्ति का त्योहार
मांगे मानव मात्र का उद्धार

करबद्ध आराधना करते भक्ति
मनोवांछित फल देती मैया छठी
निर्जल उपासना श्रमसाध्य कठोर
 आभार अर्पित प्रभु सांझें भोर

करबद्ध याचना करते अनाहारी
मनोवांछित फल आस पालनहारी
रोक दुख दर्द दोष नष्ट हो जाए
मां उषा प्रत्यूषा कृपा बरसाए

कृतज्ञता का अनुष्ठान अद्भुत
पंडित यहां न कोई पुरोहित
देवता संघ साक्षात समागम
दृश्य दुर्लभ नयनाभिरावम

 धरा,वारि, व्योम, मार्तंड सब
पूजन योग्य मनुज अवसान तक
महापर्व का यह संदेश प्यारा
जग ने है दिल से स्वीकारा ।

Geeta Kumari

इस पोस्ट पर साझा करें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

| Designed by Techie Desk