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नसीब वाले होते है वो घर परिवार। जहाँ जन्म लेती है बेटी। परिवारों की जान होती है बेटी। घर की लक्ष्मी होती है बेटी।
सुसराल में सीता दुर्गा होती है बेटी। दो कुलो की शान होती है बेटी।। बेटी की मोहब्बत को कभी आजमाना नहीं। वह फूल हैं उसे कभी रुलाना नहीं।
पिता का तो गुमान होती हैं बेटी। जिन्दा होने की पहचान होती है बेटी। उसकी आंखे कभी नम न होने देना। उसकी जिन्दगी से कभी, खुशियां कम न होने देना।।
उनगलि पकड़कर कल जिसको चलाया था तुमने। फिर उसको ही डोली में बिठाया था तुमने। बहुत छोटा सा सफ़र होता हैं बेटी के साथ। बहुत कम वक्त्त के लिए वह होती हमारे पास।
असीम दुलार पाने की हकदार है बेटी। समझो तुम ईश्वर का आशिर्वाद है बेटी।।
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