रिश्तो को बनाये रखे . . .

रिश्तो का बंधन 
कही छूट न जाये।
और डोर रिश्तों की
कही टूट न जाये।
रिश्ते होते है बहुत
जीवन में अनमोल।
इसलिए रिश्तो को
हृदय में सजा के रखे।।

बदल जाए परिस्थितियां 
भले ही जिंदगी में।
थाम के रखना डोर
अपने रिश्तों की।
पैसा तो आता जाता है
सबके जीवन में।
पर काम आते है
विपत्तियों में रिश्ते ही।।

जीवन की डोर 
बहुत नाजुक होती है।
जो किसी भी समय
टूट सकती है।
इसलिए कहता हूँ में
रिश्तो से आंनद वर्षता है।
बाकी जिंदगी में अब
रखा ही क्या है।।


Sanjay Jain

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