जननायक को लोकतंत्र का . . .

 मानव विलक्षण प्रतिभा धारी
युगप्रवर्तक वो जनसत्ता का
था अटल अखंड व्रतधारी

निश्चयात्मिकता चाणक्य सी उसमें
सहिष्णुता मर्यादा पुरुषोत्तम सी
 राजनीतिज्ञता श्रीकृष्ण सी उसमें
 संतता  भक्त सूरदास  सी

था प्रखर प्रबुद्ध वक्ता कुशल
 देशहित हेतु समर्पणशील
 रचनाकार अद्भुत व्यंगकार प्रबल
 गीत छंद उसके संवेदनशील

क्षमता नेतृत्व की तीक्ष्ण अदम्य
हर मंच से हूंकरित उद्घोष
चाहे जन्मा धूल धुएं बस्ती में
 विराट व्यक्तित्व विस्तृत जोश

 निस्वार्थ भाव जनकल्याण मर्म
 सेवा ही मंत्र राष्ट्रउत्थान कर्म
 विधा अनेक समाए थे उसमें
 कविरूप प्रकृति-प्रेमी थे रस्में

 बहुमुखी प्रज्ञा संतुलित समझ
 हे महानायक तुझे शत शत नमन
 वतनपरस्ती ही तुम्हारी पूजा
 यह माटी तुम्हारी यज्ञशाला हवन

Geeta Kumari

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