हर स्त्री में देवी की झलक होती हैं।
माँ हो ,बहन हो यापत्नी जी होती हैं
दिव्य  संस्कारों सम्पन्न ,वो होती हैं।
बहुत खास ईश्वर की बेटी होती हैं।


माँ पावन ,पुनिता,प्यार की देवी हैं
घर को चलाने वाली धुरी भी हैं।
ममता ,वात्सल्य,त्याग शील हैं।
दया ,सहानुभूति,प्रेम की मूरत हैं।


जीवन ,यह शरीर माँ की देन हैं।
आज तक की उपलब्धि माँ है।
मेरी शख्सियत की बुलंदी माँ है
ईश्वर की बेटी अलौकिक माँ है।


पत्नी भी जीवन सम्बल होती हैं।
सुख दुःख की संगिनी होती हैं।
आजीवन साथ  वो निभाती है।
ईश्वर की बेटी सी अनुपम होती हैं।


कोरोना कर्मयौद्धा डॉक्टर महान हैं
मौत से बचाते ये कर कल्याण हैं।
नर्सिंगकर्मी दीदी भी सेवा करती हैं
ईश्वर की बेटी होने के प्रमाण हैं।


सेवा कर्मी महिलाएं स्वच्छता रखे हैं।
गृहिणी शुद्ध ,स्वच्छ ,साफ घर रखे हैं।
ताजा ,पौष्टिक आहार नित खिलाती हैं।
ये सब ईश्वर की बेटियां सी कल्याणी हैं।


मेरी प्राणप्रिया मेरी जिंदगी है।
मेरी जीवन ,धर्म,कर्म शक्ति है।
मेरे जीवन की सुबह शाम ये है।
ईश्वर की बेटी ये पवित्र ,महान हैं।


कदर कर ले ,स्त्री की कलयुगी मानव ,,तू।
सुरक्षा का वादा हर बहन बेटी ,नारी से कर तू।
नारी की मर्यादा कलुषित कर न बन हैवान तू,,
डर,इनकी हाय से,,ईश्वर की बेटी की इज्जत कर तू,,।

मेरी बेटी देवी सी निर्मल हृदय ,पावन पुनीता है।
घर के आंगन को बनाती अलौकिक ,दिव्योपम हैं।
मेरे जिगर की टुकड़ी,,मेरी जान  ओ शान है।
साधारण मानवी नहीं ईश्वर की बेटी महान है।


ईश्वर की बेटी के पावन आँचल तले।
घर परिवार ,देश ,समाज फूले ओ फले।
धर्म ,नियम ,संस्कार की पावन छाया तले।
मनुजता समग्रता,सम्पूर्णता, सम्पन्नता पा ले।

Neelam Vyas

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