बेवफ़ा लोग कब तक राहे वफ़ा में रहेंगे,
इस जहां में हमेशा हम अपनी अना में रहेंगे।

बहुत सुकून है मिट्टी के मकानों में हमें,
कब तक वो लोग पत्थर के मका में रहेंगे।

होता है हर रोज जो हादसों में ही सफ़र,
नहीं बिगड़ेगा कुछ जो रब की रजा में रहेंगे।

दायरों में सिमट के रहने का हुनर है उसमें,
मखमली लोग कैसे मिट्टी के मका में रहेंगे।

बलाएं अक्सर कोसों दूर रहेगी हमसे शाहरुख़,
होंगे महफूज़ जो मां-बाप की दुआओं में रहेंगे।


Shahrukh Moin

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