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जिंदगी ये किस मोड़ पर आई है, हर तरफ बस तन्हाई है, सबने चाहा खुशियों का आलम, लेकिन सबके हिस्से बस दुःख की परछाई है, सब भाग रहे अपनी जिंदगी में, सुकून के दो पल किसी ने ना पाई है, जिंदगी ये किस मोड़ पर आई है।
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