वो जताते हैं बार बार 
हम नकारते है बार बार
पढ़े - कभी मुझसे लड़ते हो . . .
उनके जज्बातों का अहसास है हमें 
फिर भी इन्कार करते हैं बार बार
पढ़े - अचानक से तेरा यूं आना . . .
जो सपना पूरा न हो सके
वो सपना देखना क्यों ?
पढ़े - कभी मुझसे लड़ते हो . . .
जिस राह की मंजिल है तबाही 
उस पर चलना क्यों ?
कैसी मोड़ पर आ गई है जिंदगी
इससे खेलती है किस्मत हर बार।
Pooja Poddar

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