आए नही तुम,

हर वक्त मिलने का वक्त दिया

पढ़े - इश्क के बाज़ार में . . .

सही वक्त कह कर

पढ़े - इश्क के दहलीज़ पे . . .

पर ना जाने कितने वक्त गुजर गए

आए नही तुम।

Shubham Poddar

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