हुस्न पे मरने वाले,
आशिक हमने बहुत देखें हैं।


अपनी नजरो से कत्ल करने वाले,
 कातिल हमने बहुत देखें हैं।

पढ़े - मेरे कब्र के पास 

मोहब्ब्त के रास्ते चलने वाले,
मुसाफिर हमने बहुत देखें हैं।

शब्दों से दिल को टटोलने वाले,
शायर हमने बहुत देखें हैं।

पढ़े - माँ बहुत रोई थी

इश्क में दिल तुड़वाने वाले,
इश्कबाज हमने बहुत देखें हैं।


प्यार,मोहब्ब्त में पड़ने वाले,
पागल हमने बहुत देखें हैं।

पढ़े - ये कुर्सी के दीवाने

दिल की घाव ले कर घूम ने वाले,
घायल हमने बहुत देखें हैं।


देश के लिए मर मिटने वाले,
देशभक्त हमने बहुत देखें हैं।

पढ़े - इजहार हो न पाया

पर कसम खुदा की,
दोस्ती में साथ छोड़ने वाले
तुझ जैसा यार अब तक नही देखा।
  

Shubham Poddar

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