शब्द-शब्द महके गुलाब सा,ऐसी लिख दे चिठिया ।
ओ बिटिया  ! ओ बिटिया  !

जब से तुझको पढ़ने भेजा,
नहीं    सन्देशा    आया ।

करूँ याद दिन-रात तुम्हारी,
शिथिल  हो  गई  काया ।।

कब आओगी मिलने मुझसे,
खत  में  इसको  लिखना ।

जल्दी लिखना देर न करना,
मुझे   निराश   न   करना ।।

पाकर तेरी चिठिया-बिटिया,
आँगन  -  आँगन     घूमूँ ।

मन हो जाये प्रफुल्लित मेरा,
ले  -  ले    उसको   चूमूँ ।।

शब्द-शब्द महके गुलाब सा,ऐसी लिख दे चिठिया ।ओ बिटिया  ! ओ बिटिया  !
--------------------------------स्वरचितकवि श्री ओउम वार्ष्णेयअलीगढ़।।यू. पी.।।

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