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राम रूप धर विष्णु पधारे धरा पर नर स्वरूप विराजे निभाया हर धर्माचरण ब्रम्हांड जाने मर्यादापरायण को पुरुषों में अति श्रेष्ठ उत्तम इहलोक में कहलाए पुरुषोत्तम
रघुकुल श्रेष्ठ राम अत्युत्तम कृत्य सदैव आदर्श महानतम भारतीयता के प्रतीक श्रीराम हिंदू संस्कृति के मुख्यआयाम लंकाधिपति के संहारक मारक तुच्छ लोकोपवाद समक्ष अशक्त
भए प्रतिपालक अंध प्रजाभक्त उठाए प्रश्न भार्या की शुचिता पर भए प्रतिबद्ध निष्ठा परीक्षण को अग्नि स्नान से सतीत्व निरीक्षण रामचरित्र की घोर निर्बलता नारी सतीधर्मिता पर क्युँ शंका
माता सीता समर्पित पतिव्रर्ता अग्नि स्नान कसौटी अपमान कारी उत्पीड़न की रीति हृदय विदारी काया अग्निरोधी कवच नहीं पवित्रता परख हेतु गढ़त नहीं स्वीकार नहीं दोहन स्त्री मर्यादा का
उपज ये पुरुष के विकृत सोच का अग्नि परीक्षा को अब सीता नहीं उतरेगी खोखली मान्यताओं की बलि अब नहीं चढ़ेगी।
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