एक रोज हम जुदा हो जाएंगे
न जाने कहाँ खो जाएंगे।
तुम लाख पुकारोगे हमको...
पर लौट के हम न आएंगे।
थक हार के दिन के कामों से...
जब रात को सोने जाओगे।
देखोगे तब तुम फोन को...
पैगाम मेरा न पाओगे।
तब याद तुम्हें हम आएंगे..
पर लौट के हम न आएंगे।
इक रोज ये रिश्ता छूटेगा...
दिल इतना ज्यादा टूटेगा।
फिर कोई न हमसे रूठेगा..
जब प्राण शरीर से छूटेगा।
आखिर उस दिन तुम रो दोगे..
ऐ दोस्त तुम मुझे खो दोगे।
तब नैन आँशु बरसायेंगे..
पर लौट के हम न आएंगे।।
Pradeep Kumar Poddar

1 टिप्पणी:

इस पोस्ट पर साझा करें

| Designed by Techie Desk