तेरे लाख मनाने पर अब वो आने वाली नहीं है तेरे लाख मनाने पर अब वो आने वाली नहीं है सुन मेरे भाई अब वो तेरी वाली नहीं है 
हम भले कितना ही मौसी और . . .
अब उसे आना नहीं चाहिए ,
तेरे दिल की कैद में ,
 घर बसाना नहीं चाहिए,
माखन में मिश्री, मिलाएं . . .
उसे एक आज़ाद पंझी समझलो ,
यूँ आवारा परिंदो से दिल
लगाना नहीं चाहिए
अब उसे आना नहीं चाहिए 


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