ताई के तानों से तंग तो थी ही ऊपर से कॉलिज में भी एक सरफिरा आशिक से परेशान थी । वो अमीर बाप की बिगड़ैल औलाद थी । उसका नाम शहरयार था कॉलिज में एक दिन सबके सामने उसने मुझे प्रपोज किया था और फिर मेरे हाथों को चूमने की कोशिश करने लगा तो मुझे तैश आ गया फिर मैने उसके एक थप्पड़ रसीद दिया ।

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गुस्से से फिर वह बौखला गया । उसके अगले दिन जब मैं कैंटीन जा रही थी सहेली के साथ तो उसने मेरा रास्ता रोककर मुझे धमकी दी मैं तुझे कहीं का न छोड़ूंगा बदला लेकर रहूंगा । मगर मैंने इन बातों को नजरअंदाज कर दिया सोचा कि शायद गुस्से से बिलबिला रहा है तभी उसने अपनी भड़ास निकाली है।
मेरा कालिज में भी जीना दुर्भर हो गया । घर में ताई ऐसे ही इल्ज़ाम देती थी उनको पता चलता तो और तमाशे खड़े करती । वो तो सैलरी देखकर थोड़ा चुप हो जाती वर्ना वो भी हमेशा तानों से स्वागत करती थीं । मैं क्या करूं यही पेशोपश में थी कि शहरयार जुनैद ने अपनी अम्मी को मेरे घर रिश्ते के लिए भेजा उनकी रईसी देखकर तो ताई फिदा हो गई थीं । मगर ताउ हमसे पूछने आए तो मेरी आँखों में आँसू देखकर कहा - "बेटा तुझे ये रिश्ता पसंद नहीं है।" तो मैंने नहीं में सर हिलाया ।

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फिर ताउ जी जाकर उनकी अम्मी को इंकार कर आए । उनके जाने के बाद ताई ने हमें कहीं का न छोड़ा । जोर जोर से चिल्लाती रही । जरा भी तमीज नहीं कालिज में पढ़ाने के बहाने लड़के को फाँसने जाती है । ताउ ने चुप कराना चाहा तो उन्हें भी लपेटे में ले ली ।
तेरा भाई तो मर गया मगर इस बोझ को मेरे सर मढ़ दिया  । पता नहीं ये लड़की क्या गुल खिलाएगी । मैं तकिए में सर छिपाकर रोती रही । और अम्मी अब्बू को याद करती रही । अब्बू क्यों मुझे छोड़कर चले गए काश आपके साथ मैं भी मर जाती । फिर रोते-रोते सो गयी । फिर तीन दिन तक कालिज ही नहीं गयी ।

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प्रिन्सिपल का फोन आ गया था पूछताछ के लिए क्या हुआ? तो फिर मुझे चौथे दिन कॉलेज जाना पड़ा ।
ऑफिस में प्रिन्सिपल ने हमें काफ़ी समझाया था कि आप एक होनहार लड़की हो औरों की बातों से हर्ट होना छोड़ दो । अच्छे लोग अच्छाई बांटते हैं और बुरे लोग बुराई । फिर किसी तरह अपने हवास ठीक कर स्टूडेंट्स को पढ़ाती रही ।
"लंच ब्रेक के लिए कैंटीन जा रही थी अनकंफर्टेबल महसूस कर रही थी।""आज साथ में सहेली भी नहीं थी रोड क्रोस करते समय एक ब्लैक कार सामने आ गयी।"" उसमें से एक मोटा ताजा पहलवान सा शख्स निकला और उसने जबरन मुझे गाड़ी में घसीट लिया।"" फिर दूसरे शख्स ने मेरी बोलती बंद की उसके बाद मैं बेहोश हो गयी ।""जब होश आया तो खुद को चारदीवारी में कैद पाया ।"

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सारे स्टूडेंट्स मेरा एहतराम करते थे । जो भी टॉपिक नहीं समझते आकर पूछते थे । रविवार का दिन था उस दिन मैंने सारे स्टूडेंट्स का टेस्ट लिया था । इसलिए रविवार के दिन भी छुट्टी नहीं दी थी क्योंकि परीक्षा करीब थी ।

उनमें से एक स्टूडेंट्स ने अपने दोस्तों के सामने मेरी तारीफ़ करी थी कि- " मैम बहुत प्यारी है"  तभी शहरयार वहाँ से गुजरा और उसने बोलते सुन लिया था फिर क्या था  उसने जमकर उसकी पिटाई कर दी । कुछ स्टूडेंट्स ने जबर्दस्ती छुड़ाया था उसे , हेड प्रोफेसर भी आ गए थे । मैं तो देखकर हैरान रह गयी । पूरे कॉलेज में ये बात फैल गयी कि शहरयार जुनैद मैम का दीवाना है उनकी तरफ़ कोई देखना भी मत । सबसे बड़ी बात वो अमीर था इसलिए उससे सब दबते थे ।

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Radha Yshi

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