मिले किसी से नज़र तो समझो . . . Chandrashekhar Poddar मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई । रहे अपनी ख़बर तो समझो ग़ज़ल हुई ।। मिला के नज़रों को वो हया से फिर, झुका ले कोई नज़र तो समझो ग़ज़... Read More