धमर्मन्थ सब जला चुकी है,जिसके अंतर की ज्वाला, मंदिर, मसजिद, गिरजे, सब को तोड़ चुका जो मतवाला, पंडित, मोमिन, पादरियों के फंदों...
बहती हाला देखी, देखो लपट उठाती अब हाला, देखो प्याला अब छते ही होंठ जला देनेवाूला, 'होंठ नहीं, सब देह दहे, पर पीने को दो बूंद ि...
जगती की शीतल हाला सी पिथक, नहीं मेरी हाला, जगती के ठंडे प्याले सा पिथक, नहीं मेरा प्याला, ज्वाल सुरा जलते प्याले में दग्ध हृदय...
लाल सुरा की धार लपट सी कह न इसे देना ज्वाला, फेिनल मिदरा है, मत इसको कह देना उर का छाला, ददर् नशा है इस मिदरा का िवगत ःमृितया...
जगती की शीतल हाला सी पिथक, नहीं मेरी हाला, जगती के ठंडे प्याले सा पिथक, नहीं मेरा प्याला, ज्वाल सुरा जलते प्याले में दग्ध हृदय की ...
धमर्मन्थ सब जला चुकी है, िजसके अंतर की ज्वाला, मंिदर, मसिजद, िगिरजे, सब को तोड़ चुका जो मतवाला, पंिडत, मोिमन, पािदरयों के फंदों को जो...